Nisha Sheth

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लेखनी कहानी -18-Nov-2022आशीर्वाद - प्रतियोगिता

बुज़ुर्गों का ये आशीर्वाद मिलता है ख़ुशकिस्मतवालो को ,

दिल से उन लोगों का सम्मान करना फ़र्ज़ हमारा होता है।


ख़ुद भूखे सोए बिस्तर पे कभी बच्चों की भूख मिटाने को ,

ख़ुद की ख़ुशियाँ क़ुर्बान की बच्चों की मुस्कान देखने को ,

उसी बच्चे के हाथों ने ही जलाया बुज़ुर्गों के अरमानो को ,

दिल से उन लोगों का सम्मान करना फ़र्ज़ हमारा होता है।


बोज मानकर भेजते रहे वृद्धाश्रम में ख़ुद अकेले रहने को ,

संतोष मानते रहे भेजकर पैसे एक बेटे का फ़र्ज़ निभाने को ,

नहीं समज पाए वो बच्चें पैसा नहीं सिर्फ़ प्यार चाहिए उनको ,

दिल से उन लोगों का सम्मान करना फ़र्ज़ हमारा होता है ।


वृद्धाश्रम में रहकर भी  तरसे बच्चों की आवाज़ सुनने को ,

पर बच्चें है कि समजते नहीं बुज़ुर्गों के इस बलिदान को ,

एहसान भूलते जा रहे बच्चें नहीं चुका पाएँगे ये ऋण उनको,

दिल से उन लोगों का सम्मान करना फ़र्ज़ हमारा होता है।


निशा शेठ (शिखा)





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8 Comments

Gunjan Kamal

24-Nov-2022 09:12 PM

बहुत खूब

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Nisha Sheth

24-Nov-2022 10:59 PM

धन्यवाद जी

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Manzar Ansari

18-Nov-2022 05:50 PM

Good

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Nisha Sheth

18-Nov-2022 07:24 PM

धन्यवाद

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Ayshu

18-Nov-2022 04:26 PM

Shaandar prastuti

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Nisha Sheth

18-Nov-2022 05:02 PM

धन्यवाद जी

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